21
कोटद्वार । राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में चित्रकला विभाग के तत्वावधान में एक भित्ति चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें चित्रकला विभाग के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। छात्र-छात्राओं ने विभाग की दीवारों पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं जनजीवन पर आधारित खूबसूरत चित्रों का सृजन किया। प्रतियोगिता हेतु छात्र छात्राओं को पांच समूहों में क्रमशः गंगा, यमुना, अलकनंदा, मालिनी एवं खोह में विभाजित किया गया था। गंगा समूह में साक्षी नेगी, कोमल तथा शरमीन, यमुना समूह में सिमरन बिष्ट, देवांश तथा सपना, अलकनंदा समूह में नितिशा ध्यानी, आयुषी रावत, शिखा तथा अनुराधा, मालिनी समूह में जैबी, गौरव, अतुल्या द्विवेदी तथा साक्षी नेगी, खोह समूह में दीपक कोटनाला, प्रेरणा रावत, तानिया रावत, शीतल तथा बादल चौधरी रहे। जिसमें कि मालिनी समूह ने प्रथम, अलकनंदा समूह ने द्वितीय तथा गंगा समूह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद सिंह ने छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड की लोक संस्कृति से प्रेरणा लेने को कहा एवं बताया कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति बहुत ही उन्नत है जिसको कि छात्र छात्राओं को चित्रों के माध्यम से अवश्य प्रदर्शित करना चाहिए। महाविद्यालय की प्राचार्य एवं संरक्षिका प्रोफेसर जानकी पंवार ने छात्र छात्राओं को उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं जन जीवन को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने छात्र छात्राओं को बताया कि कोई भी चित्र तभी सफल होता है जब उसमें भाव हों, और चित्र में भाव तभी आ सकते हैं जब हम संबंधित विषय को गहराई से जानते हों। अतः उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं जन जीवन पर चित्र बनाने से पहले छात्र-छात्राओं को शोध अवश्य कर लेनी चाहिए । जिससे कि उनकी उपरोक्त विषय के संबंध में समझ बढ़ सके एवं वह उसे गहराई से समझ सकें। प्राचार्य ने सभी विजेता छात्र छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा आगे भी इसी प्रकार के चित्रों के सृजन हेतु उन्हें प्रोत्साहित किया।