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कोटद्वार । राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के इतिहास विभाग में विभागीय परिषद के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों की श्रेणी में उत्तराखंड लोक पर्व एवं संस्कृति विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए । जिसमें इतिहास विभाग के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा कविता, भाषण नृत्य, संगीत एवं जागर आदि विभिन्न विधाओं के माध्यम से उत्तराखंड लोक पर्व एवं संस्कृति की झलक प्रस्तुत की गई । छात्र-छात्राओं द्वारा उत्तराखंड की बोली भाषा एवं गीतों से उत्तराखंड के लोक कलाकारों को भी नमन किया गया । विभिन्न चरणों में हुए कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को विभाग के प्राध्यापकों द्वारा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उत्तराखंड लोक पर्व, लोक गीत, लोक संगीत एवं उत्तराखंड संस्कृति एवं सभ्यता के संदर्भ में जागरूक किया गया ।
कार्यक्रम के संदर्भ में विभाग प्रभारी इतिहास विभाग डॉ प्रवीन जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभाग द्वारा उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 वें वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष में उत्तराखंडी लोक पर्व एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु एक छोटा सा प्रयास करना है, उन्होंने अपने सम्बोधन में छात्र-छात्राओं को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने हेतु इस प्रकार की विधाओं से जुड़ा रहने तथा अपने संस्कारों, अपने गांव अथवा मूल को कभी ना भूलने का आह्वान किया । विभाग के प्राध्यापक जुनीष कुमार ने उत्तराखंड की संस्कृति पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए जौनसारी संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत करवाया । विभाग के अन्य प्राध्यापक डॉ नवरत्न सिंह ने छात्र-छात्राओं को वर्तमान में व्यस्तम जीवनचर्चा एवं टेक्नोलॉजी के दौर में अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की आवश्यकता के महत्व को बताया तथा उससे जुड़े रहने हेतु प्रेरित किया ।कार्यक्रम का संचालन एमए तृतीय समेस्टर की छात्रा कुमारी साक्षी द्वारा किया गया ।