13
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा शनिवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेडेक्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया । टेडेक्स कार्यक्रम स्थानीय रूप से आयोजित किए जाते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में विचारों, नवाचार और नवीन वार्ताओं को साझा करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन पर आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी, विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ.आरपी सिंह, मुख्य परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय शर्मा, कार्य्क्रम् की सन्योजिका प्रो. डॉ पूजा जैन, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन डॉ गीता रावत, विश्व् मोहन् सिन्ह सहित विभिन्न स्कूलों के डीन द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा, कि शिक्षा से प्रतिभा का पलायन नहीं होना चाहिए। आवश्यक कौशल अर्जित करना, वैचारिक शिक्षा, आलोचनात्मक सोच, व्यक्तिगत शिक्षा व सीखने की गति और नई मूल्यांकन प्रणाली अगली पीढ़ी की शिक्षा प्रणाली को विकसित करेगी। उन्होंने इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर करने की भी बात कही। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉक्टर आर पी सिंह ने युवाओं में छिपी नवोन्मेषी क्षमता को निखारने और उन्हें विचारों के जरिए नई परिभाषाएं गढ़ने का अवसर देने पर बल दिया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक और उपस्थित सभी वक्ताओं का धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए प्रोफेसर डॉ पूजा जैन ने बताया कि टेडेक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व प्रख्यात वक्ताओं को समाज को प्रेरित करने का एक मंच प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि आज के इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात वक्तागण प्रतिभाग करेंगे । कार्यक्रम की शुरुआत मोटिवेशनल स्पीकर विश्व मोहन सिंह ने की । कार्यक्रम के पहले वक्ता अभिषेक गिलारा ने अपनी पुस्तक डेवलपिंग द योगी माइंडसेट के बारे में बताते हुए कहा कि संसार में सबसे खुशहाल व्यक्ति बनने के लिए मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों का होना जरूरी है।
दूसरे वक्ता शुभा मधुकर ने अच्छे लीडर के गुणों पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंने बोलने की कला, सुनने की कला और एक दूसरे से सामंजस्य स्थापित करने की कला पर चर्चा की। तीसरी वक्ता मानसी कोठारी ने द सीक्रेट ऑफ मेकिंग द राइट चॉइस विषय पर चर्चा की। साथ ही भागवत गीता को आधार मानकर समाधि, संपत्ति और भागवत गीता के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। चैथे वक्ता जोसेफ डॉल्फिन ने बॉडी लैंग्वेज , प्रबंधन के गुण और प्रबंधन में होने वाले बदलाव पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने समस्या के समाधान के लिए किए जाने वाले विभिन्न प्रयासों की भी बात कही। पांचवें वक्ता अखिल अग्रवाल ने बिलीव सिस्टम पर चर्चा करते हुए छात्रों से अच्छा, बुरा, सही और गलत की संकल्पनाओं पर लंबी वार्ता की।
डॉ विवेक कुमार पाठक ने बहरेपन की समस्या और उसके द्वारा पैदा होने वाले चुनौतियों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि समय पर इसका पता लगाकर इससे होने वाली चुनौतियों एवं परेशानियों को कम किया जा सकता है। डॉ सुधीर चड्ढा ने स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने की बात कही। साथ ही उन्होंने लगातार घोस्ट विलेज बनते उत्तराखंड पर चिंता जाहिर करते हुए युवाओं से आगे आकर स्वरोजगार अपनाने एवं कृषि के माध्यम से गांवों को दोबारा से आबाद करने की बात कही। लिपि गिदवानी ने परफेक्शन विषय पर छात्रों के लिए प्रेरणापरक व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसके साथ ही डा अंजू सिंगला ने अपने जीवन की प्रेरणादाई कहानी से छात्रों को प्रेरणा दी। साथ ही सबकी सहायता करने का मंत्र भी दिया।
डॉ प्रभु चंद्रा ने छात्रों को जीवन के महत्व से लेकर जिंदगी की हार और जीत के बारे में बताया। साथ ही भागदौड़ भरी जिंदगी में किस तरह अपने आपको सहज रखें, इसके भी गुर बताए। अमरेश प्रताप यादव ने कंपनी के वर्क कल्चर पर बात की साथ ही कार्य स्थल में होने वाली परेशानियों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में वोट ऑफ़ थैंक्स प्रो. डॉ पूजा जैन ने दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष सहित विश्वविद्यालय के सैकड़ो छात्रों ने प्रतिभाग किया।