पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता – कोश्यारी

by doonstarnews
  • पूर्व सीएम ने दिया संदेश, पेड़ बचाओ, प्रकृति से नाता निभाओ
  • पर्यावरण को लेकर भारत का चिंतन सर्वोत्तम, गांव से जुड़ाव और पौधों की देखरेख पर कोश्यारी का ज़ोर
  • कुमाल्डी में पर्यावरण संरक्षण पर सेमिनार और जागरूकता अभियान का आयोजन
  • डीएम ने विभागों को दिये निर्देश, ग्रामीण समस्याओं का प्राथमिकता से करें समाधान

रिखणीखाल/पौड़ी : विकासखण्ड रिखणीखाल के अंतर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुमाल्डी में आधारशिला संस्थान के तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार एवं जनजागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल/ पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने सर्वप्रथम विभागीय स्टाॅलों का निरीक्षण किया। उसके उपरांत उन्होंने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। हमें अपनी भावी पीढ़ियों को एक स्वच्छ, हरा-भरा और सुरक्षित वातावरण देने की जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जागरूकता फैलाना अत्यंत सराहनीय प्रयास है।

उन्होंने आधारशिला संस्थान एवं जिला प्रशासन को इस पहल के लिए बधाई देते हुए सभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत व सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने पलायन को लेकर कहा कि आजीविका के लिए उद्यम व परिश्रम जरूरी है, आप जहां भी काम करो, लेकिन अपने गांव से जरूर जुड़े रहें। उन्होंने कहा कि हम जिन पौधों का रोपण करते हैं, उनकी बच्चे की तरह देखरेख करने की आवश्यकता होती है। पर्यावरण को लेकर भारत का चिंतन सर्वश्रेष्ठ रहा है, यहाँ पेड़ों को काटा नही जाता, बल्कि पूजा जाता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में शिविरों के माध्यम से आमजन की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विभागों को सक्रियता दिखाते हुए कुमाल्डी के ग्रामीणों के घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की हेल्थ स्क्रीनिंग, पेंशन से वंचित लोगों का चिन्हीकरण करने, राजस्व विभाग की तरफ से जारी होने वाले प्रमाणपत्रों को जारी करने, पशुओं की हेल्थ स्क्रीनिंग व चारे की समस्या को लेकर पशुपालकों का चिन्हीकरण करने के निर्देश दिये।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. (पं.) राजेन्द्र प्रसाद अंथवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरागत जीवनशैली को पुनर्जीवित करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के जागरुकता अभियान अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे प्रकृति से जुड़ाव बनाए रखें और अपने गांवों को स्वच्छ व हरा-भरा बनाने में योगदान दें।

कार्यक्रम में पशुपालन, समाज कल्याण, कृषि, उद्यान, राजस्व, बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना (रीप) द्वारा स्टॉल लगाकर कुमाल्डी और रथुवाढाब क्षेत्र के लोगों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गयी। साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर रा.उ. मा. वि. की छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले क्षेत्र के आठ महिला मंगल दलों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मनित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवन्त, उपजिलाधिकारी लैंसडौन शालिनी मौर्य, आधारशिला संस्थान के अध्यक्ष नरेश चंद्र घिल्डियाल, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. वीके यादव, मुख्य पशु-चिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आदिल अली, महाप्रबंधक उद्योग सोमनाथ गर्ग, थानाध्यक्ष रिखणीखाल संजय सिंह असवाल, ग्राम प्रशासक कुमाल्डी हीमा देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बसड़ा मोहन सिंह नेगी, विनोद, दिनेश रावत, राकेश देवरानी सहित क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।

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