गोपेश्वर (चमोली)। देवरा यात्रा पर निकली सती शिरोमणि माता अनसूया की रथ डोली रात्रि प्रवास पर पिंलग गांव पहुंच गई है। दरअसल 51 सालों बाद खल्ला गांव की माता अनसूया की रथ डोली देवरा यात्रा पर निकली है। इसके तहत देवडोली अपनी छोटी बहन मां ज्वाला देवी को मिलने कठूर गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा से देवडोली की जोरदार आगवानी की। कठूर गांव के ज्वाला मंदिर में एक दिन के प्रवास के बाद देवी दूसरी दिन अपनी धियाणी के घर प्रवास पर रही। गांव के लोगों ने भजन कीर्तन के जरिए देवडोली की पूजा अर्चना की। तीसरे दिन धियाणी के घर से अनसूया की डोली विदा हुई। विदाई के वक्त सभी महिलाएं भावुक हो उठी। इसके बाद देवडोली सेणजी गांव के प्रवास पर रही। ग्रामीणों ने पूजा अर्चना कर मां भगवती से खुशहाली की मनौती मांगी। अगले दिन देवडोली सेणजी गांव से प्रवास कर रात्रि प्रवास के लिए सिरौं गांव पहुंची। सिंरौ गांव में भी ग्रामीणों ने देवी की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की मनौती मांगी। रविवार को देवडोली सिंरौ गांव से रात्रि प्रवास को पिंलग गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने रथ डोली को हाथों हाथ लिया। इसके बाद ग्रामीण पूजा अर्चना में जुट गए हैं। इस तरह 51 वर्षों बाद अनसूया देवी की रथ डोली की देवरा यात्रा पर निकलने के चलते हर तरफ उमंग व उल्लास का वातावरण बना हुआ है। लोग धार्मिक रीति रिवाजों के बीच पूजा अर्चना कर देवी से क्षेत्रवासियों की कुशलता की मनौती मांग रहे है। यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा। अनसूया देवी रथ डोली के आयोजकों को कहना है कि करीब 6 माह तक देवरा यात्रा विभिन्न गांवों में पहुंच कर लोगों को आशीष देगी।
अनसूया रथ डोली पिंलग गांव के प्रवास पर पहुंची
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