नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाने वाला जी राम जी बिल सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच पारित हो गया। विपक्षी दलों ने बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग करते हुए सदन के वेल में प्रदर्शन किया और कुछ सांसदों ने बिल की प्रतियां भी फाड़ दीं।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस कानून पर सदन में पर्याप्त चर्चा हो चुकी है और अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि संसद में इस तरह का व्यवहार लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।
विपक्ष का विरोध
बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, डीएमके के टीआर बालू और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है और इससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
सरकार का पक्ष
बिल का समर्थन करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में कई कानूनों के नाम नेताओं के नाम पर रखे, लेकिन अब एनडीए सरकार पर सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का माध्यम बन गया था और नया कानून सभी हितधारकों से चर्चा के बाद तैयार किया गया है। चौहान ने यह भी कहा कि सरकार नाम बदलने पर नहीं, बल्कि काम पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सदन में हंगामा
बिल पारित होने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा और वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। कुछ सांसदों ने कागज फाड़े, जिस पर स्पीकर ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि जनता संसद की कार्यवाही देख रही है।
प्रियंका गांधी का बयान
कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करेगा और राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डालेगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा गरीबों के लिए सहारा है और नया बिल गरीब विरोधी है।
अन्य मंत्रियों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने सदन में कागज फाड़ने की घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के आचरण की कोई जगह नहीं है। वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन संसद के भीतर इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘राम’ नाम का महात्मा गांधी से गहरा जुड़ाव रहा है।
