देहरादून : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भाव और भावना का अभाव होता है इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग के साथ स्प्रीचुअल का ज्ञान …
सम्पादकीय
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इतिहास : लाखीराम ‘बडेड़ी’ की बालिका शिक्षा क्रांति, रवांई की पहली पढ़ी-लिखी बेटी ‘सत्यभामा’
किस्सा-कहानी 1950 से पहले का दौर। जब देश में ही गिने-चुने स्कूल हुआ करते थे। उस दौर में उत्तराखंड में कितने स्कूल …
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टिहरी/देहरादून : यह लेख पत्रकार और टिहरी जिले के लिखवार गांव के ग्राम प्रधान चंद्र शेखर पैन्यूली ने लिखा है। शेखर की …
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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के महापर्व की भागदौड़ के बीच एक ऐसी खबर आई, जिसने मन-मस्तिष्क में कुछ पल के लिए …
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देहरादून : हमारा जीवन हमारे हाथ में है… हमारा जीवन हमारे हाथ में है, लेकिन इसके लिये हमको अपने विचारों पर नियंत्रण …
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देहरादून : कल के विचार के बाद कई मित्रों ने प्रश्न किया है कि इन नकारात्मक विचारों को आखिर रोका कैसे जाये? …
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कभी पत्रकारिता से सामाजिक जीवन शुरू करनेवाले रहे हैं लालकृष्ण आडवानी, जो हैं अब भारत रत्न
भोपाल/नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की छवि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और …
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नई दिल्ली : चुनौतियों से भरे शैक्षणिक परिदृश्य में, जहां परीक्षाएं किसी ऊंचे पर्वत शिखर पर चढ़ने के समान दुसाध्य प्रतीत होती …
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देहरादून : यद्यपि मौन भी भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका है। दुविधा होने पर या किसी संकट में, या मानसिक …
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नई दिल्ली : यदि किसी राष्ट्र के नेता राजकाज के अतिरिक्त अपनी जनता के लिए एक अभिभावक की भी भूमिका अपना ले …