शीतकाल के लिए बंद हुए चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट

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गोपेश्वर (चमोली)। चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट धार्मिक रीति रिवाजों के बीच शुक्रवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

उच्च हिमालय में स्थित रूद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद की प्रक्रिया ब्रहममुहूर्त में प्रारंभ की गई। इसके तहत मुख्य पुजारी सुशील प्रसाद तिवारी ने भगवान को हिमालयी पुष्प तथा मंदार पुष्पों से साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया संपादित की गई। इस दौरान  दूध दही से भगवान रूद्रनाथ का स्नान कराया गया। पूजा अर्चना तथा धार्मिक रीति रिवाजों के बीच सभी क्रियाएं संपादित करने के पश्चात भगवान रूद्रनाथ  मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके तहत भगवान रूद्रनाथ की देवडोली शीतकालीन प्रवास के लिए गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर को रवाना हुई। सैकडों भक्तों की मौजूदगी में भगवान रूद्रनाथ के जयकारों के साथ देवडोली दोपहर मोली खर्क पहुंची। मोली खर्क में राजभोग लगाया गया। देवडोली सगर गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने अर्घ लगाकर पूजा अर्चना के साथ देवडोली की गोपीनाथ मंदिर के लिए रवाना किया। गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंचने पर तमाम श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान मंदिर परिसर भगवान रूद्रनाथ के जयकारों से गुंज उठा। इसके बाद भगवान रूद्रनाथ मंदिर में 6 माह के लिए आसीन हो गए। इस तरह उच्च हिमालय में स्थित रूद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही हिमालयी क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया है।

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