आत्मनिर्भर पहाड़ की तस्दीक है सहकारिता मेले – डॉ. धन सिंह रावत

by doonstarnews
  • बागेश्वर में 24 काश्तकारों को वितरित किया 24 लाख का ब्याजमुक्त ऋण
  • चार एमपैक्स माइक्रो एटीएम सुविधा से लैस, लोगों को लेनदेन में होगी आसानी

बागेश्वर/देहरादून : अंतराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत नुमाइशखेत, बागेश्वर में “सहकारिता से पर्वतीय कृषि” थीम पर आयोजित सहकारिता मेले के तीसरे दिन आज शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने 24 काश्तकारों को 24 लाख रुपये का ब्याज रहित ऋण और ऐठाण, दोफाड, काण्डा व छालीखांखर की चार एमपैक्स समितियों को माइक्रो एटीएम वितरित किए। इसके साथ ही डॉ. रावत ने लेखक केशवानंद जोशी की पुस्तक ‘शकुन्तला नाटक’ का विमोचन भी किया।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी जनपदों में सहकारिता मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इन मेलों का उद्देश्य प्रत्येक ब्लॉक के एक प्रमुख उत्पाद को पहचान दिलाकर उसे वैश्विक बाजार तक पहुंचाना है।  उन्होंने बताया कि अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज रहित ऋण इन मेलों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा चुका है, वर्तमान में प्रदेश के 31 लाख किसान सहकारिता विभाग से जुड़े हैं, जिनमें बागेश्वर के 57 हजार किसान भी शामिल हैं। सरकार किसानों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज रहित ऋण प्रदान कर रही है, जिससे 16 लाख किसानों और 8.5 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभ मिला है।

डॉ. रावत ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को पहले वर्ष ₹21,000, दूसरे वर्ष ₹50,000 और तीसरे वर्ष ₹1 लाख का लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही महिला समूहों को ₹10 लाख तक का ऋण बिना गारंटर प्रदान किया जाएगा। नगर निकायों के ढेली-फड़ विक्रेताओं को भी 9 नवम्बर के बाद ₹5,000 से ₹10,000 तक का ऋण 3 से 5 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।

“मंडुवा बना पर्वतीय आशा का प्रतीक”

डॉ रावत ने कहा कि मंडुवा की कीमत ₹48 प्रति किलो निर्धारित की गई है। राज्य में आर्गेनिक खेती को सहकारिता मॉडल के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में वीर माधो सिंह भंडारी सामूहिक खेती योजना प्रारंभ की जाएगी। प्रत्येक ब्लॉक में 400 नाली भूमि शेयर पर लेकर सामूहिक खेती की जाएगी और उत्पादों को विश्व बाजार तक पहुंचाया जाएगा।
“किसान उत्पादन करें, उसे बेचने की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग निभाएगा,”

विभागीय मंत्री ने बताया कि काफलीगैर में डिग्री कॉलेज का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा तथा कपकोट उप जिला चिकित्सालय के लिए ₹30 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। डॉक्टरों की कमी को लेकर उन्होंने घोषणा की कि अगले 45 दिनों में बागेश्वर को 20 नए डॉक्टर उपलब्ध कराए जाएंगे।

मेले में विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों में सरकार की योजनाओं की जानकारी और स्थानीय उत्पादों की बिक्री की जा रही है। स्थानीय कलाकारों और स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

“सहकारिता मेले स्थानीय अर्थव्यवस्था को देंगे नई उड़ान”: विधायक सुरेश गड़िया

कपकोट विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि सहकारिता मेलों के माध्यम से महिला समूहों और ग्रामीण उत्पादकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है। सरकार की योजनाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं और अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को लाभ मिल रहा है।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष शोभा आर्या, कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, मुख्य विकास अधिकारी आर. सी. तिवारी सहित उप निबंधक कुमाऊँ मंडल हरिश्चंद्र खंडूड़ी, सहायक निबंधक बागेश्वर आशीष शर्मा, सचिव महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक बागेश्वर मनोहर सिंह भंडारी, पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ललित लटवाल, अन्य विभागीय कर्मचारी और स्थानीय क्षेत्रवासी ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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