कोटद्वार : उत्तराखंड में पहाड़ी जनपदों के चालकों के लिए हिल एंडोर्समेंट’ के नियम में बदलाव लाने के लिए कोटद्वार के अधिवक्ता निषिद्ध माहेश्वरी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया कि जो ड्राइवर पहले से ही पहाड़ में निवास करते है और शुरू से ही पहाड़ों में गाड़ी चलाते है उनके लिए हिल एंडोर्समेंट’ के नियम में सरलता होनी चाहिए या अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये टेस्ट ऑनलाइन होता है जिस कारण धरातल पर इसका कोई खास असर होता नहीं दिखता, जिस कारण वर्तमान समय में इस नियम में बदलाव होना चाहिए।
वही उत्तराखंड में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जल्द ही उत्तराखंड में पहाड़ पर जाने वाले वाहनों के चालकों के लाइसेंस के ‘हिल एंडोर्समेंट’ के लिए आटोमेटिक फिजिकल टेस्ट भी जरूरी होगा। उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने हालही में रुद्रप्रयाग में हुए सड़क हादसे के मद्देनजर कहा कि पहाड़ पर सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब चारधाम यात्रा पर जा रहे वाहनों के अलावा पर्यटक वाहनों की भी जांच की जाएगी। इसमें चालकों के लाइसेंस के ‘हिल एंडोर्समेंट’ पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उत्तराखंड के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा के अलावा बहुत से वाहन पर्यटकों को लेकर आते हैं, लेकिन चारधाम यात्रा का दवाब ज्यादा होने के कारण अन्य वाहनों की जांच की अनदेखी हो जाती है। अब हमें चारधाम यात्रा से इतर पर्यटन पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी। हम अब ड्राइविंग लाइसेंस के हिल एंडोर्समेंट पर ध्यान केंद्रित करेंगे।