- ऑपरेशन ‘कालनेमि’ की गूंज: आभासी दुनिया के छल से पर्दा, देहरादून पुलिस की बड़ी कार्रवाई।
- धर्मांतरण गैंग के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का खुलासा, पाकिस्तान-दुबई से जुड़े तार।
देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून पुलिस ने धर्मांतरण के एक और मामले में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर बड़ी कार्रवाई की है। यह मामला उस समय सामने आया जब रानीपोखरी क्षेत्र की एक पीड़िता से पूछताछ के दौरान पुलिस को बरेली निवासी एक अन्य युवती की जानकारी मिली। इस कड़ी को जोड़ते हुए जांच में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले धर्मांतरण गिरोह की गतिविधियों का खुलासा हुआ है, जिसके तार पाकिस्तान और दुबई से जुड़े पाए गए हैं।
कैसे रची जाती थी धर्मांतरण की साजिश
गिरोह की खास मोडस ऑपरेंडी के तहत ऐसे परिवारों की युवतियों को निशाना बनाया जाता था जो किसी कारणवश समाज और परिवार से अलग-थलग पड़ चुकी थीं। पहले इनसे सहानुभूति जताई जाती, फिर धीरे-धीरे भरोसा जीतकर इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए मानसिक रूप से ब्रेनवॉश किया जाता था।
पीड़िताओं को पाकिस्तान के मौलवियों से कुरान की शिक्षा दिलाई जाती थी। इतना ही नहीं, गिरोह द्वारा मुस्लिम धर्म में उच्च शिक्षा प्राप्त युवतियों को खासतौर पर ब्रेनवॉशिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता था दिल्ली में ले जाकर इन युवतियों का धर्मांतरण कराया जाता और फिर उनका मुस्लिम युवकों से निकाह करवाया जाता।
सख्त कानून बना ढाल
उत्तराखंड में सख्त धर्मांतरण कानून और हाल ही में लागू हुई समान नागरिक संहिता (UCC) के चलते युवतियों को दिल्ली बुलाकर वहां कार्रवाई को अंजाम दिया जाता था।
इस प्रकरण में जो नाम सामने आए
1. अबु तालिब
2. अब्दुल रहमान
3. अब्दुल रहीम
4. अब्दुल्ला
5. अब्दुर रहमान
6. आयशा उर्फ कृष्णा
उक्त सभी को आगरा पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब माननीय न्यायालय से वारण्ट बी प्राप्त कर उन्हें देहरादून लाया जाएगा, जहां उनके विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, दो अन्य फरार अभियुक्त अयान व सुलेमान की गिरफ्तारी हेतु विशेष पुलिस टीमें गठित कर अभियान चलाया जा रहा है।
पहचान छुपाकर धोखा देने वालों पर नजर
ऑपरेशन कालनेमि के तहत पुलिस उन व्यक्तियों की भी पहचान कर रही है, जो अपना धर्म और पहचान छुपाकर महिलाओं को धोखा दे रहे हैं।