कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की तैयारियां पूर्ण, जल्द शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया; निरीक्षण टीम ने व्यवस्थाओं को पाया संतोषजनक

by doonstarnews
  • कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के मगनपुर, किशनपुर क्षेत्र में एक नई शैक्षिक क्रांति की शुरुआत होने जा रही है

कोटद्वार : केंद्रीय विद्यालय लैंसडाउन की प्रधानाचार्य अक्षिता चौधरी की अध्यक्षता में गठित निरीक्षण टीम ने कोटद्वार में विद्यालय परिसर का दौरा कर पानी, बिजली, साफ़-सफाई और कक्षाओं की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। टीम ने संतोष व्यक्त करते हुए आगामी सप्ताह से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

इस ऐतिहासिक पहल की आधारशिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण के अथक प्रयासों और दूरदर्शिता का प्रतिफल है। उनके मार्गदर्शन में ही यह सपना साकार होने की ओर अग्रसर हुआ है। उन्होंने इस परियोजना की स्वीकृति दिलवाने से लेकर, विद्यालय संचालन की सभी प्रशासनिक औपचारिकताओं के निष्पादन हेतु निरंतर सक्रियता दिखाई।

आज, जब राजकीय इंटर कॉलेज किशनपुर द्वारा केंद्रीय विद्यालय को संचालन हेतु भूमि संबंधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए, तो यह क्षण क्षेत्रवासियों के लिए गर्व और उल्लास से परिपूर्ण रहा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण  ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विद्यालय के संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही अथवा शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूरी हों।

निरीक्षण टीम ने कोटद्वार की उपजिलाधिकारी साक्षी उपाध्याय से मुलाकात कर विद्यालय संचालन की औपचारिकताओं को शीघ्र पूर्ण कराने का अनुरोध किया। साथ ही, विद्युत विभाग और जल संस्थान से विद्यालय के लिए नए कनेक्शन शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश भी किया गया। विद्यालय परिसर में आज दिनभर क्षेत्रवासियों की उपस्थिति बनी रही। अनेक अभिभावक अपने बच्चों के साथ प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी लेने पहुंचे, जिससे यह स्पष्ट है कि इस विद्यालय की स्थापना को लेकर स्थानीय जनता में अत्यंत उत्साह और विश्वास है। इस अवसर पर अक्षिता चौधरी, रमेश चंद्र शर्मा (प्रभारी, केंद्रीय विद्यालय कोटद्वार), सुबोध ध्यानी (प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कॉलेज किशनपुर) सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए कोटद्वार विधानसभा की जनता विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण के प्रति आभार प्रकट करती है, जिनके नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में यह ऐतिहासिक कदम संभव हो सका है। यह विद्यालय आने वाली पीढ़ियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

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