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कोटद्वार । अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के हिन्दी विभाग के मातृभाषा प्रकोष्ट एवं आईक्यूएसी के सयुंक्त तत्त्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने इसमें प्रतिभाग किया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि धाद एवं उत्तरजन के संस्थापक लोकेश नवानी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ जेपी नवानी रहे। कार्यक्रम संयोजिका हिंदी की विभाग प्रभारी डॉ शोभा रावत, सदस्य डॉ कपिल थपलियाल , डॉ सुमन कुकरेती, डॉ विजयालक्ष्मी रही।
संगोष्ठी का आरंभ माँ शारदा की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत सभी का बैज अलंकरण किया गया, संयोजिका ने मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि का परिचय एवं स्वागत किया । इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक गढ़वाली मेरी दूधबोली रहा। प्रतियोगिता मे निधि बहुखंडी एमए ने प्रथम स्थान, खादीजा खातून बायोटेक ने द्वितीय स्थान, साचिका एमए ने तृतीय स्थान प्राप्त किया एवं यशी, रिया, काजल, साक्षी, मोहित, अंजली इत्यादि को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि ने विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया । प्राचार्य प्रोफेसर एमडी कुशवाहा ने कहा कि हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, उन्होंने हिन्दी भाषा पर रची अपनी स्वरचित कविता भी सुनाई। डॉ शोभा रावत ने मातृ भाषा गढ़वाली के सौंदर्य और उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए । प्रिया देवली ने स्व रचित गढ़वाली कविता सुनाई, रश्मि बहुखंडी ने मातृ भाषा में शिक्षण कार्य किए जाने की महत्ता बताई।
विशिष्ट अतिथि डॉ जेपी नवानी ने गढ़वाली भाषा के स्वरूप को बताया। मुख्य अतिथि लोकेश ने अपने संबोधन में भाषा के उद्भव, विकास यात्रा को बताते हुए स्वरचित गढ़वाली कविता और गीत प्रस्तुत किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। अंत में डॉ कपिल थपलियाल ने सभागार में उपस्थित सभी जनों को धन्यवाद ज्ञापित किया, डॉ सुमन कुकरेती ने सफल मंच संचालन किया एवं डॉ विजयालक्ष्मी ने मातृभाषा दिवस के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ सुनीता नेगी, डॉ मोहन कुकरेती, डॉ मुकेश रावत, हीरा सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।