महिलाओं ने गांव के बाहर लगाया बोर्ड, शराब पर पूर्ण पाबंदी है, गांव में शराब पीकर प्रवेश ना करें…

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गैरसैंण : उत्तराखंड शराब बंदी आंदोलन की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। राज्य के कई क्षेत्र में शराब बंदी का ऐलान हो चुका है। शराब बंदी के फैसले को लागू भी कर दिया गया है। हाल ही में जानैसार के 24 गांवों ने शादियों में शराब बंदी का फैसला लिया गया। उससे पहले नौगांव ब्लॉक के कई गांवों में शराब बंद हो चुकी है। हालांकि, नौगांव ब्लॉक के ही गांव में शराब बंदी का फैसला तो हुआ, लेकिन, कुछ लोगों ने इस फैसले पर सहमति जताई और बाद में फैसले को मानने से इंकार कर दिया। यह बात अलग है कि शराब बंदी के लिए अब भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

जहां एक और राज्य शराब बंदी की ओर बढ़ रहा है। वहीं, कुछ गांवों में शराब पिलाने पर खूब जोर दिया जा रहा है। शराब पिलाने को मेहमानों की सेवा माना जा रहा है। खातिरदारी भी शराब और मीट-मांस खाने वालों की ही होती है। सामान्य लोगों को कई बार शादियों में खाने तक के लिए नहीं पूछा जाता। यह परंपरा जैसे बन गई है कि शराब पीने वाले ही मेहमान होते हैं। इस सबके बीच गैरसैंण के पज्याणा गांव की महिलाओं ने गांव में शराब पर पाबंदी का फैसला लिया है। महिलाओं ना केवल फैसला लिया। बल्कि, गांव के बाहर शराब पर पाबंदी का बोर्ड भी लगा डाला।

तहसील मुख्यालय से लगे पज्याणा गांव में पहले ही शराबबंदी की जा चुकी है अब ममंद ने गांव की सीमाओं पर तीन जगह शराबबंदी के बोर्ड लगा दिए हैं। महिलाओं का कहना है कि गांव में जिस घर में सामाजिक कार्यक्रम होंगे वहां भी शराबबंदी का एक बोर्ड लगा रहेगा। पज्याणा महिला मंगल दल की संरक्षक अंजना रावत ने कहा कि तीन लोहे के चेतावनी बोर्ड ज्वालासैंण, पज्याणा खाल व पज्याणा के टैक्सी स्टैंड पर लगा दिए हैं। जबकि, चौथा बोर्ड जिस घर पर सामाजिक कार्य होगा, वहां पर कार्य संपन्न होने तक लगा रहेगा।

बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकने के लिए महिलाओं के साथ ही युवा और अन्य को भी आगे आना होगा, जिससे आने वाली पीढ़ी बेहतर कर सके। अभियान में महिला मंगल दल अध्यक्ष माधवी देवी, कोषाध्यक्ष रामेश्वरी देवी, सचिव ललिता देवी, प्रचार मंत्री हेमंती देवी, आशा देवी, हेमा देवी, अंजली देवी, दीपा देवी, पूर्व महिला मंगल दल अध्यक्ष महेशी देवी, बसंती देवी, सरोजनी देवी, ग्राम प्रधान विजय सिंह शामिल हैं।

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